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Tuesday, 19 July 2022

Agriculture के सेक्टर में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल

हर  वो सेक्टर जो एक इंडस्ट्री है उस की तरक्की में मॉडर्न साइंस और टेक्नोलॉजी का इस्तेमला करना बड़ा जरुरी हो जाता है।  ताकि बढ़ती हुयी डिमांड और सप्लाई में तालमेल बना रहे,एग्रीकल्चर इंडस्ट्री भी इस से अछूती नहीं है।  देश की बढ़ती आबादी की भूक मिटाने के लिए एग्रीकल्चर प्रोडक्शन को बदहाने के लिए हमारे देश में भी साइंस और टेक्नोलॉजी का भरपूर इस्तेमाल हो रहा है जिस की शुरुआत 60 के दशक में Green Revolution से ही हो गई थी।  जब आधुनिक तरीके से बेहतर किस्म के बीज बनाना सिंचाई की गुणवत्ता बढ़ाना केमिकल Fertilizers का इस्तेमाल जैसी चीजों में विज्ञान के प्रयोगों को बढ़ावा मिल गया था।  जब भी हम अमेरिका, चाइना, ब्राजील या दूसरे योरपीय देशों में एग्रीकल्चर के तरीके देखते हैं तो वहां साइंस और टेक्नोलॉजी का भरपूर इस्तेमाल दिखाई देता है।  खेतों की जुताई से ले कर बीज बोन, कीटनाशक डालने, फसल काटने और उन्हें फैक्ट्री और बाजार तक पहुंचाने में एडवांस मशीनों और ट्रांसपोर्ट सिस्टम का इस्तेमाल होता है इस से फसल भी बर्बाद नहीं होती और समय भी कम लगता है,. कम मैनपावर में भी काम चल जाता है, और कमल की बात ये है कि काम भी सटीक तरीके से होता है।  


फ़ार्म ऑटोमेशन या स्मार्ट फार्मिंग : खेती बाड़ी के काम में एडवांस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को स्मार्ट फार्मिंग कहते हैं।  जैसे सिंचाई के लिएआटोमेटिक सिस्टम का इस्तेमाल करना, मॉनिटरिंग के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करना, रोबोटिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए बीज बोना आदि, इन का इस्तेमाल करने का एक फायदा ये भी है कि अगर लेबर या मैनपावर नहीं मिलते हैं तो आप का काम नहीं रुकेगा, और काम की क्वालिटी भी बेहतर होगी, इस के अलावा आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का सही इस्तेमाल करने से सही डाटा भी मिलता है, जिस से किसान भाई बहनों को फैसला लेने में मदद मिलती है, और आज कल इंडिया में भी बढ़ रहा है ड्रोन के इस्तेमाल का ट्रेंड, फिल्म शूटिंग और दूसरे कामों के अलावा भी अब ड्रोन का इस्तेमाल खेती बाड़ी में भी होने लगा है, ड्रोन में लगा हाई क्वालिटी कामर्स बड़ी आसानी से देख लेते हैं खेत के किन हिसों में कीटनाशक दवाओं के छिड़काव की जरुरत है, इस से काम भी सही होता है और और दवाओं की बर्बादी नहीं होती है, और इस के अलावा अगर किसी किसान की खेती सैंकड़ों एकड़ में फैली हुयी है तो हर दिन खेतों की जांच करने की भी जरुरत नहीं है, ड्रोन के जरिये ये काम बड़ी आसानी से किया जा सकता है, भारत के तेलंगाना राज्य के एक किसान अपने खेतों में ड्रोन का ही इस्तेमाल करते हैं, उन का कहना है कि मजदुर का इस्तेमाल कर के जो काम करने में घंटों लग जाता है ड्रोन के जरिये वही काम सिर्फ 15 मिनट में ही हो जाता है।  

   

 

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